"जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!1!!
जिंदगी जहाँ से शुरू वह "जीवन"
जहाँ ख़त्म वह "मरण"
"जीवन"सबको प्यारा यहाँ,
मरना यहाँ नहीं होता गवारा यहाँ
"जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!2!!
समदर के होते है दो किनारे है,
एक वर्तमान है तो दूसरा भविष्य हैं " जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!3!!
जीवन मे होती हैं अच्छाई
तो मरण होती हैं सचाई
"जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!4!!
कवी -दिनेश पिंगळे
जिंदगी दो के चरण !!1!!
जिंदगी जहाँ से शुरू वह "जीवन"
जहाँ ख़त्म वह "मरण"
"जीवन"सबको प्यारा यहाँ,
मरना यहाँ नहीं होता गवारा यहाँ
"जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!2!!
समदर के होते है दो किनारे है,
एक वर्तमान है तो दूसरा भविष्य हैं " जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!3!!
जीवन मे होती हैं अच्छाई
तो मरण होती हैं सचाई
"जीवन"और"मरण"होते है
जिंदगी दो के चरण !!4!!
कवी -दिनेश पिंगळे
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